ट्रेडिंग साइकोलॉजी क्या है? (Trading Psychology in Hindi)
Trading में साइकोलॉजी का मतलब है कि जब आप ट्रेडिंग करते हैं, तो आपके मन में किस प्रकार की भावनाएं और भावनात्मक प्रभाव होते हैं। जैसे कि आप कैसे निवेश करते हैं, कब आप खरीदना या बेचना चाहेंगे, और किस प्रकार के निवेश के निर्णय आपके मानसिक स्थिति पर निर्भर कर सकते हैं।
यह एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जिसे ट्रेडर्स को जरूर समझना चाहिए क्योंकि यह ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है ये उन्हें अपने ट्रेड के निर्णयों को समझने में मदद करता है।
लालच और भय: लालच और भय दो सबसे आम भावनाएं हैं जो ट्रेडर को ट्रेडिंग करते समय परेशान करती हैं। लालच ट्रेडर को जल्दी से पैसे कमाने के लिए प्रेरित कर सकता है, जबकि भय उन्हें नुकसान से बचने के लिए अपने नियमों को भूलकर गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकता है।
उम्मीद रखना: नए ट्रेडर हमेशा यह मानते हैं कि उनका अगला ट्रेड सही ही होगा, जबकि कुछ ट्रेडर हमेशा यह मानते हैं कि उनका अगला ट्रेड सही ही होगा। दोनों ही दृष्टिकोण बिलकुल ही गलत हो सकते हैं, क्योंकि ये आपको ट्रेडिंग में गलत निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
धैर्य और अनुशासन: सफल ट्रेडिंग के लिए धैर्य और अनुशासन आवश्यक हैं। ट्रेडर को अपनी स्ट्रेटजी का पालन करने और भावनाओं के आधार पर निर्णय लेने से बचने में सक्षम होना चाहिए। तभी वो एक सफल ट्रेडर बन सकता है।
ट्रेडिंग साइकोलॉजी क्यों महत्वपूर्ण है (Why Trading Psychology is Important):
ट्रेडिंग में सफलता केवल तकनीकी विश्लेषण और स्ट्रेटजी पर निर्भर नहीं करती है। ये सबसे ज्यादा ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर भी निर्भर करता है। ट्रेडिंग में ट्रेडिंग साइकोलॉजी का भाग 100% में से 60% का होता है और 40% मनी मैनेजमेंट तथा स्ट्रेटजी पर निर्भर करता है।अगर आपके पास एक अच्छी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी और आप मनी मैनेजमेंट भी कर लेते हैं, लेकिन आप ट्रेडिंग साइकोलॉजी को नही समझते हैं तो आप मार्केट से कभी पैसा नही कमा पाएंगे।
ट्रेडिंग साइकोलॉजी में सफलता के लिए 9 सुझाव:
1. भावनाओं को नियंत्रित करें:
2. अनुशासन बनाए रखें:
3. जोखिम प्रबंधन (Risk Management):
4. अपने ट्रेडों का विश्लेषण करें:
5. अपनी गलतियों से सीखें:
6. ट्रेडिंग साइकोलॉजी के बारे में सीखें:
7. एक व्यापारिक समुदाय में शामिल हों:
8. आत्मविश्वास बनाए रखें:
9. धैर्य रखें:
ट्रेडिंग साइकोलॉजी के लिए बेहतरीन किताबें (Trading Psychology Books in Hindi):
अगर आप इन किताबों को नही भी खरीद सकते तो आप यूट्यूब में इन किताबों का सारांश(Book Summary) देख सकते हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
ट्रेडिंग में साइकोलॉजी सबसे अहम भाग है, ट्रेडिंग ने सफल होने के लिए आपको अपने ट्रेडिंग साइकोलॉजी पर ध्यान देना ही होगा। इसके लिए आप इस ब्लॉग "Trading Psychology in Hindi" में बताए गए 9 सुझावों को अपनाएं और अपनी ट्रेडिंग को बेहतर बनाएं। ट्रेडिंग में अनुभव के साथ-साथ आप आपकी ट्रेडिंग साइकोलॉजी भी बेहतर हो जायेगी।
आशा करता हुं आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा अगर आपका कोई सवाल रह गया है तो नीचे कॉमेंट जरूर करें।
जानिए इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे सीखें?
FAQ's [Trading Psychology in Hindi]
आप ट्रेडिंग में अपने दिमाग को कैसे मास्टर करते हैं?
ट्रेडिंग में अपने दिमाग को मास्टर करने के लिए आपको अपनी ट्रेडिंग साइकोलॉजी पे ध्यान देना होगा। आपको अपनी भावनाओं पर नियंत्रण करना होगा तभी आप अपने दिमाग को मास्टर कर पाएंगे।
इमोशनलेस ट्रेडिंग कैसे करें?
इमोशनलेस ट्रेडिंग कोई नही कर सकता क्योंकि, ट्रेडिंग में आपका अलसी पैसा लगा हुआ होगा है। हर वक्त आपका प्रॉफिट या लॉस उपर नीचे होते रहता है। इसीलिए आप अपने इमोशन को काबू में कर सकते हैं लेकिन आप बिलकुल भी इमोशनलेस ट्रेडिंग नही कर सकतें।
ट्रेडिंग मनोविज्ञान इतना कठिन क्यों है?
ट्रेडिंग मनोविज्ञान इतना कठिन इसलिए है क्योंकि, इसमें आपका खुदका पैसा लगा होता है। जहां आपका खुद का पैसे लगा होता है वहां भावनाओं आना स्वाभाविक है।
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