दोस्तो अगर आप शेयर्स के चार्ट को देखते हैं, तो आपने ये जरूर देखा होगा की कोई स्टॉक पिछले दिन किसी अन्य मूल्य पर बंद हुआ था और अगले दिन किसी अन्य मूल्य पर ओपन हुआ आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि ऐसा क्यों होता है, तो दोस्तों शेयर मार्केट में इसे गैप कहते हैं। आज हम लोग इस ब्लॉक "Gap Up And Gap Down Strategy in Hindi" में जानेंगे की शेयर मार्केट में गैप अप ओपनिंग और गैप डाउन ओपनिंग क्या है, गैप अप और गैप डाउन क्यों होता है, आप कैसे पता कर सकते हैं कि मार्केट गैप अप खुलेगा या गैप डाउन और आप गैप अप और गैप डाउन का इस्तेमाल करके कैसे मार्केट से प्रॉफिट कर सकते हो। तो चलिए जानना शुरू करते हैं।
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शेयर बाजार के लिए गैप अप और गैप डाउन ओपनिंग क्या है?(What is Gap Up and Gap Down Opening in Hindi)
"गैप अप ओपनिंग" एक टेक्निकल शब्द है जो शेयर मार्केट के बारे में है। यह वह स्थिति है जब कल मार्केट बंद हुआ था और अगले दिन सुबह जब मार्केट खुलता है, तो स्टॉक की कीमत में एक अंतर दिखता है।
उधारन के लिए - अगर कल मार्केट में कोई स्टॉक 1000 रूपये पर बंद हुआ था और आज सुबह वह 1010 रूपये पर खुला, तो हम इसे "गैप अप ओपनिंग" कहेंगे। इससे यह सुझावित होता है कि रातोरात मार्केट में शायद रातोरात कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं हुए हैं जो स्टॉक की कीमत को बदल देती हैं। यह एक तरह का सिग्नल हो सकता है जिसे टेक्निकल analysis मे उपयोग किया जा सकता है।
Nifty 1D chart by Tradingview |
शेयर बाजार के लिए गैप डाउन ओपनिंग क्या है?(What is gap down opening in Hindi)
"गैप डाउन ओपनिंग" यह वह स्थिति है जब कल मार्केट बंद होता है और अगले दिन सुबह जब मार्केट खुलता है, तो स्टॉक की कीमत में एक अंतर दिखता है, लेकिन यह नीचे की ओर होता है, बिकुल गैप अप के विपरीत।
मान लीजिए - अगर कल मार्केट में कोई स्टॉक 1000 रूपये पर बंद हुआ था और आज सुबह वह स्टॉक 990 रूपये पर खुला है, तो हम इसे "गैप डाउन ओपनिंग" कहेंगे। इससे यह पता चलता है कि रात भर में मार्केट में कुछ ऐसी घटनाएं हुई हो सकती हैं जो स्टॉक की कीमत को नीचे ले खोलती हैं, और यह एक तरह का सिग्नल हो सकता है जिसका बहुत से लोग अपने टेक्निकल analysis में उपयोग करते हैं।
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गैप अप और गैप डाउन क्यों होता है?(Why Gap Up And Gap Down Happens in Hindi)
इसके कई कारण हो सकते है लेकिन सबके मुख्य कारण जैसे कि किसी कंपनी के अच्छे खबरे या किसी कंपनी के बुरे खबर, स्टॉक की मांग कम या ज्यादा होना या विशेष घटनाएं।
गैप अप (Gap Ups):
इसमें कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि अच्छी कंपनी के अच्छे खबरे, स्टॉक की मांग ज्यादा होना या विशेष घटनाएं। इसका मतलब है कि स्टॉक की कीमत में रात भर कुछ बदलाव आता है, और जब बाजार खुलता है, वह पिछले दिन के क्लोजिंग प्राइस से ऊपर खुलता है।
गैप डाउन (Gap Down):
इसमें भी कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि कंपनी की बुरी खबरें या, स्टॉक की मांग कम होना आर्थिक समस्याएं। विपरीत, जब किसी स्टॉक की कीमत पहले दिन के बंद होने के बाद से कम होती है, तो हम उसे "गैप डाउन" ओपनिंग कहते हैं। यह मतलब है कि स्टॉक की कीमत में रात भर कुछ बदलाव आया है, और जब मार्केट खुलता है, वह नीचे से खुलता है।
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आपको कैसे पता चलेगा कि कोई गैप ऊपर या नीचे खुल रहा है?(How do You Know if a Gap is Opening Up or Down)
जब market का सत्र खुलने के लिए तैयार होता है यानिकि इंडियन मार्केट के लिए 9:07a.m से 9:14a.m तक pre-market में, आप देख सकते हैं कि कोई स्टॉक पहले दिन के बंद होने के बाद से ज्यादा या कम कीमत पर खुल रहा है।
गैप ऊपर खुलने की स्थिति:
यह हो सकता है जब कोई स्टॉक पहले दिन के बंद होने के बाद से ज्यादा मांग(demand) में है, या फिर वहाँ कुछ अच्छी खबरें हों जो लोगों को उस स्टॉक में रुचि बढ़ाती हैं। यह स्टॉक गैप ऊपर खुलता है, जिससे उसकी कीमत बढ़ सकती है।
गैप नीचे खुलने की स्थिति:
इसका मतलब है कि स्टॉक पहले दिन के बंद होने के बाद से कम मांग(Demand) में है या फिर उस पर कुछ बुरी खबरें हैं। लोग उस स्टॉक से दूर रहना चाहते हैं और इसलिए वह गैप नीचे खुलता है, जिससे उसकी कीमत घट सकती है।
आप इसे बाजार की प्रारंभिक स्थिति(9:07am-9:14am) के दौरान देख सकते हैं, जब मार्केट खुलने के पहले समय में लोग अपने वित्तीय निर्णयों(decisions) को बनाते हैं। गैप का पता चलना आपको मार्केट की चुनौतियों और संभावित मौकों की सुचना देने में मदद कर सकता है।
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गैप अप और गैप डाउन स्ट्रेटजी डे ट्रेडिंग के लिए।(Gap Up and Gap Down Strategy for Intraday)
दोस्तो अभी जो मैं आपको gap up and gap down strategy intraday के लिए आपको बताने जा रहा हु उसे आपको ध्यान से समझने की जरूरत है इसमें मैं आपको एडवांस मार्केट सेंटीमेंट analysis के बारे में भी बताऊंगा तो ध्यान से पढ़ें।
- सबसे पहले आपको यह देखना होगा की पिछले दिन मार्केट मे कैसा कैंडल बना था उस दिन मार्केट का सेंटीमेंट कैसा था।
- मान लीजिए कि पिछले दिन मार्केट बेयरिश कैंडल के साथ क्लोज होता है। और अगले दिन मार्केट पिछले दिन के कैंडल से 50% के आस-पास या उससे ऊपर गैप अप खुलता है तो मार्केट में बुलीश मूवमेंट आ सकता है।
- क्योंकि पिछले दिन जिन लोगों ने भी मार्केट में सेलिंग की पोजिशन बनाई थी वह लोग अपना पोजीशन लॉस में कट करेंगे और न्यू बायर्स मार्केट में बुलीश पोजिशन बनाएंगे इससे मार्केट में एक बुल्लिश मूवमेंट आ सकती है।
- जब भी मार्केट में ऐसा गैप अप हो तो आप जिस भी इंडिकेटर या फिर अगर प्राइस एक्शन का इस्तमाल करते है तो उसका इस्तमाल करके आप बुलिश साइड की पोजिशन ले सकते हैं और स्टॉप-लॉस का खास ध्यान रखें।
- दूसरी तरफ ऐसे ही अगर मार्केट मे पिछले दिन बुलिश बना है और मार्केट पिछले दिन के कैंडल से 50% या उससे ज्यादा गैप डाउन खुलता है तो आपको सेलिंग साइड का पोजिशन बना लेना है। स्टॉप-लॉस का खास ध्यान रखे लगाना नहीं भूले।
यह स्ट्रेटजी आप हमेसा इस्तमाल नही कर सकते लेकिन जब भी मार्केट में आपको इस स्ट्रेटजी को इस्तमाल करने को मिलेगा आप जरूर कर सकते है ये आपको 65-70% एक्यूरेसी देगी जिससे आप अच्छा प्रॉफिट बना सकते हैं।
इस स्ट्रेटजी का रिफ्रेंस मैने "Power of stock" YouTube चैनल के ओनर "Subhashish Pani" (जिनको में अपना मार्गदर्शक भी मानता हु) से लिया है अगर आप चाहे तो आप उसका वीडियो नीचे क्लिक करके देख सकते हैं।
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निष्कर्ष(Conclusion):
स्टॉक मार्केट में "गैप" की योजना को समझना, विशेषकर हिंदी में, इन्वर्टर्स और ट्रेडर्स के लिए महत्वपूर्ण है। हमने "गैप अप ओपनिंग" और "गैप डाउन ओपनिंग" के अनुभव को शेयर मार्केट में जानने का प्रयास किया, इसके साथ ही खोज की क्यों ये गैप होते हैं और कैसे आप स्टॉक चार्ट्स पर उन्हें पहचान सकते हैं।
गैप के पीछे के कारणों को जानकर, ट्रेडर्स सूचित निर्णय ले सकते हैं। चाहे वह अच्छी खबरों की वजह से हो रहा हो या बुरी घटनाओं के कारण हो रहा हो, इन पैटर्न्स की समझ आपके ट्रेडिंग निर्णयों(decisions) में सहायक हो सकती है।
हमने यह भी विचार किया कि कैसे पहचानें कि कोई स्टॉक ऊपरी या नीचे गैप में है और डे ट्रेडिंग के लिए गैप अप और गैप डाउन स्ट्रेटजी पर भी बात की।
तो, चाहे आप "गैप अप" स्थितियों के लिए ट्रेड ढ़ूंढ़ रहे हों या "गैप डाउन" स्थितियों के साथ जुड़े जोखिमों से बचाव कर रहे हों, आशा करता हु इन गतिविधियों को समझना आपको ट्रेडिंग में जरूर मदद करेगा।
आखिर में यही कहना चाहूंगा की ट्रेड करते समय हमेसा स्टॉप-लॉस का इस्तमाल करें। अगर मुझसे कोई डिटेल मिस हो गया हो तो कॉमेंट करे और साथ ही कॉमेंट करके ये भी बताएं की आपको अगला ब्लॉग किस टॉपिक पर चाहिए।
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FAQ's [Gap Up And Gap Down Strategy in Hindi]
स्टॉक में गैप क्यों भरे जाते हैं?
ये स्टॉक मार्केट में बायर्स और सेलर्स के सेंटीमेंट से होता है, मान लीजिए की अगर मार्केट "गैप अप" खुलता है और कुछ देर बाद नीचे आ जाता है तो इसका मतलब उस प्राइस मे लोग उस स्टॉक को खरीदना नही चाहते इसीलिए मार्केट नीचे आकर अपने गैप को फिल करता है। ठीक इसके विपरित अगर मार्केट "गैप डाउन" खुलता है और उपर की ओर निकलता है तो इसका मार्केट मार्केट में लोग उस प्राइस मे स्टॉक को खरीदना चाहते हैं।
क्या स्टॉक मार्केट गैप्स हमेशा भरे रहते हैं?
नही ऐसा हमेसा नही होता लेकिन अगर मार्केट बिना किसी बड़े न्यूज या इवेंट्स के बिना गैप अप या डाउन होता है तो ज्यादातर गैप्स फिल हो जाते हैं।
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